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#Network के ज़रिये आपस में जुड़े शहर: टिकाऊ विकास के लिए शहरी बहुपक्षीयवाद का विकल्प!
#Diplomacy: दुनिया को चलाने के कूटनीतिक उपक्रम में महिलाओं की भूमिका!
दक्षिण कोरिया का ध्यान अब हुआ अफ्रीका की तरफ केंद्रित!
सिड्स (SIDS) की आवाज़ों को बुलंद करने के लिए जलवायु फाइनेंस की पुन:सरंचना करने की ज़रूरत!
AI की मदद से सतत् व टिकाऊ विकास को गति देने की कोशिश!
जलवायु के अनुकूल भोजन प्रणाली बनाने की आवश्यकता
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास सहयोग की कूटनीति कितनी टिकाऊ?
फिलैनथ्रोपी या लोक-उपकार का विकास कार्यों के लिये फाइनेंस के तौर पर इस्तेमाल एक सामान्य प्रक्रिया!
भारत में उम्रदराज़ लोगों को सशक्त बनाना: ग़रीबों, ग्रामीणों और महिलाओं की मदद के लिए रणनीतियां
सूखता पानी: भारत में पानी की मांग और आपूर्ति के अंतर का विश्लेषण!
पानी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में जल के मूल्य निर्धारण की भूमिका!
जल प्रबंधन में महिलाएं: अनदेखी धाराएं और हाथ से निकले मौक़े!
वन्यजीवों के अनुकूल उत्पादों के निर्माण लिए एक ढांचे को तैयार करने की कोशिश!
‘फ्रांस और भारत: हरित भविष्य के साझेदार’
अफ्रीकी देश गाम्बिया में हरित परिवर्तन को समृद्ध बनाने में युवाओं की भागीदारी!
हिंद-प्रशांत और एसडीजी 4 का वित्तपोषण: दीवार में एक और पत्थर?
भूटान का ग्रीन सिटी का लक्ष्य: भारत-भूटान के बीच विकास का समन्वय भरा पथ!
कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट की व्यवस्था: एक “अनुचित” परिवर्तन का प्रतीक?
जलवायु परिवर्तन: मध्य पूर्व पर मंडराता एक और संकट
जोख़िम से लचीलेपन तक: भारत में जलवायु असुरक्षा के आकलन पर एक नज़र…!
भारतीय शहरों में स्क्रैपयार्डस की बढ़ती ज़रूरत: एक विश्लेषण
भारत का G20 नेतृत्व: सतत विकास की फाइनेंसिंग के लिए क्षमता निर्माण में बढ़त कैसे बनायें!
एडवांस्ड एनालिटिक्स के ज़रिए जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलेपन का निर्माण
सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा) के अलग-अलग इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश!
‘ख़राब पानी इस्तेमाल करने लायक बनाकर दुनिया की जलवायु को लचीला बनाने के उपाय’
ग्रीन हाइड्रोजन का बड़ा वादा
‘प्रकृति के अनुकूल ऊर्जा की तरफ बदलाव के लिये तकनीक और वित्त का बेहतर इस्तेमाल’
पर्यावरण से जुड़े विषय पर संवाद और भारत की हरित ऊर्जा यात्रा