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जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में विकसित देशों की भागीदारी क्यों है ज़रूरी?
COP29 और कार्बन ट्रेडिंग का भविष्य: पेरिस समझौते के आर्टिकल 6 का विश्लेषण
मौजूदा समय की ज़रूरत: बुजुर्गों के प्रति संवेदनशील व्यवहार
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास सहयोग की कूटनीति कितनी टिकाऊ?
फिलैनथ्रोपी या लोक-उपकार का विकास कार्यों के लिये फाइनेंस के तौर पर इस्तेमाल एक सामान्य प्रक्रिया!
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में चीन का वर्चस्व और वैश्विक स्तर पर मची भू-राजनीतिक उथल-पुथल!
असमानता की खाइयों को पाटकर भविष्य का निर्माण: स्थायी विकास का लक्ष्य (SDG) 3 और युवा पूंजी
भारत की मानवीय पूंजी: अच्छी शिक्षा बनाम टिकाऊ विकास
उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में AI को डिकोड करना
डेटा की संप्रभुता को नष्ट कर सकता है जलवायु में परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन सम्मेलन: अविश्वास के माहौल पर जीत!
हिंद-प्रशांत क्षेत्र को जापान से मिली नई सुरक्षा सहायता!
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रशासन का भविष्य: ग्लोबल साउथ का नज़रिया
भारतीय अर्थव्यवस्था: कैसा रहा 2023?
विकसित देशों में हरित संरक्षणवाद का विकासशील देशों पर पड़ता प्रभाव
2023 का G20 सम्मेलन: टिकाऊ विकास के लिये भारत की प्रतिबद्धता
जलवायु-और आपदा-लचीले बुनियादी ढांचे में निवेश को उत्प्रेरित करना
ग्लोबल साउथ में खाद्य और पोषण सुरक्षा: नीतियां, तकनीक़ और संस्थाएं
सभी के लिए बहुपक्षीय पहल को कारगर बनाना: समावेशी एवं विकास-अनुकूल दृष्टिकोणों के ज़रिए WTO में सुधार
जलवायु कार्रवाई के लिए निजी वित्त के जुगाड़ से जुड़े मिथक और पैमाने से जुड़े सवाल
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वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भागीदारी के लिए सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योगों (MSMEs) की क्षमता बढ़ाना ज़रूरी
SDGs में फाइनेंस मुहैय्या कराने के फ़ासले को दूर करना: G20 के लिए 10-सूत्रीय एजेंडा!
विश्व व्यापार संगठन को असरदार होने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी होना होगा
विकासशील देशों में रचनात्मक अर्थव्यवस्था की आवश्यकता
पूरे विश्व में मंडरा रहे संभावित ऋण संकट का समाधान क्या है?
G20 Presidency: भारत के पास ग्लोबल एजेंडा तय करने का मौका
जलवायु परिवर्तन से जुड़े वित्तीय (finance) प्रणाली में, असमानताओं की पद्धति का पड़ताल!