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इस साल का रायसीना एडिट 20 के दशक के मध्य में अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की अस्थिर प्रकृति की पड़ताल करता है. इसके लिए छह केंद्रित क्षेत्रों का सहारा लिया गया है जिस पर रायसीना डायलॉग 2025 के दौरान बातचीत हुई. क्या पारंपरिक विकास विमर्श की "द टाइगर्स टेल" (एशिया के विकासशील देशों की गाथा), जिसे ग्लोबल नॉर्थ (विकसित देशों) ने लिखा और बढ़ाया, ऐसे युग में भी प्रासंगिक है जहां तेज़ी से बढ़ता ग्लोबल साउथ (विकासशील देश) पहले की तुलना में ख़ुद को अधिक स्पष्टता से व्यक्त कर रहा है? क्या नीति बनाने वाले तकनीकी इनोवेशन, सहयोग और प्रतिस्पर्धा की समवर्ती प्रक्रियाओं के माध्यम से "कल की फिर से कल्पना" करते हुए "हरित विरोधाभास" का समाधान करने की सामाजिक-पारिस्थितिक दुविधाओं को प्रभावी रूप से संतुलित कर सकते हैं? क्या जिस समय देश की सीमाओं के बाहर और भीतर दोनों जगह बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था उभर रही है, उस समय सत्ता का फिर से वितरण "राजनीति को बाधित" छोड़ देगा? जिस समय अलग-अलग देश व्यक्तिगत रूप से परिभाषित "व्यवस्था के संरक्षक" के रूप में काम करने के लिए अपने रणनीतिक दृष्टिकोण को बदल रहे हैं, उस समय क्या मौजूदा "उग्रवादी व्यापारिकवाद", जो बढ़ते संरक्षणवाद को और बढ़ा रहा है और विश्व अर्थव्यवस्था को संभालने वाली सप्लाई चेन की कमज़ोरी को उजागर कर रहा है, वैश्विक संघर्ष के विस्तार को भी समान रूप से सुविधाजनक बना रहा है?
इनमें से हर विषयगत स्तंभ से अवगत होने के बाद रायसीना एडिट 2025 के हमारे योगदानकर्ता आधुनिक भू-राजनीति के सामने मौजूद कुछ सबसे गंभीर मुद्दों पर गहन और बारीक विश्लेषण प्रदान करते हैं और समकालीन सार्वजनिक और नीतिगत चर्चा की विविध श्रेणियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
मलेशिया द्वारा साल 2025 में की जा रही आसियान की अध्यक्षता एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है, क्योंकि वह क्षेत्रवाद, अंतर-क्षेत्रीय संबंधों और वैश्विक दक्षिण के सहयोग को मज़बूत ...