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पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास से रोज़गार के नए �
भारत की छवि ख़राब करने की चीनी क़वायद से मुक़ाबले के लिए भ
भारत को वेब 3.0 को लेकर अपनी नीतियों को कारगर रूप देना होगा. �
इमरान ख़ान की विदाई के बाद भी पाकिस्तान की समस्याएं बदस्�
विश्व की बदलती व्यवस्था बिम्सटेक को दक्षिण एशियाई क्षेत�
रूस पर पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारत क�
नियमित रूप से नियम क़ायदे बनाकर सरकार ख़ुदरा ई-कॉमर्स के �
अब जबकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तारीख़ आ गई है, तो ऐ�
ऊर्जा में परिवर्तन से सामाजिक बदलाव सुनिश्चित होने की सो
भारत विकासशील और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों की नेट ज़ीर
भारतीय सेना के द्वारा देसी तकनीक से हल्के टैंक का विकास ज�
इस धारणा को दूर करने का समय आ गया है कि सामाजिक सहायता लोक-�
जब ख़तरनाक रफ़्तार से डिजिटल वित्त सेक्टर आगे बढ़ रहा है,
भरोसेमंद कनेक्टिवटी, संसाधनों के अलग-अलग स्रोत और लचीले �
प्रतिबद्धता, सह-लाभ, लागत और पूंजी भारत के अक्षय ऊर्जा क्ष
चेयरपर्सन और MD की भूमिकाओं को अलग-अलग करने की ज़रूरतों को �
कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में इस बार का बज़ट स्वास्थ्य
बढ़ते कर्ज़ के बीच सरकार के लिए बड़े बुनियादी ढ़ांचे से ज�
रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए आवंटित बज़ट के मामले में �
शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो एमिशन) हासिल करने की अपनी प्रति�
आरबीआई के अपनी उदार (एकमोडेटिव) मौद्रिक नीति जारी रखने से
वैसे तो बजट में नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के लिए वित्तीय प्र�
बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में लंबे समय से बनी हुई रुकावट�
2023 में भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत उसके पास एक मौक़ा है �
तेज़ी से होते डिजिटल परिवर्तन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया को
चीन की सबसे बड़ी रिएलिटी डेवलपर कंपनियों में से एक एवरग्�
भारत में परिनगरीय क्षेत्रों के तेजी से शहरीकरण के लिए लक�
बजट शहरी नियोजन पर ज़ोर तो देता है, लेकिन क्या भारतीय संघव
केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) में बदलाव की ज़रूरत है �
राष्ट्रीय बज़ट इस धारणा को बल देती है कि भारतीय अर्थव्यव�
कुल मिलाकर युवाओं से जुड़ी योजनाओं में बढ़ोतरी की गई है. �
सामान्य आंकड़ेबाज़ियों से हासिल जानकारियों से इतर सर्व�
2022 का बजट भारत की जलवायु परिवर्तन संबंधी महत्वाकांक्षाओं
ये पूरी क़वायद भारत को सही मायनों में डिजिटल फ़ाइनेंस से �
इस वर्ष का केंद्रीय बजट जलवायु अनुकूल बजट बनाने का एक अवस�
ऐतिहासिक डूरंड लाइन अब भी एक चुभते हुए कांटे की तरह है क्य
आर्थिक कूटनीति के नये क्षेत्रों को लेकर भारत के रुख़ पर न
मौजूदा व्यवस्थाएं नाकाफ़ी हैं. बजट हमें अच्छी सेहत की दि�
‘अफ्रीकी-एशियाई सदी’ की संभावना के एक वास्तविकता होने के
जैसा कि केंद्रीय बज़ट अगले 25 वर्षों के लिए विकास का मार्ग �
इस साल का बजट महामारी से आर्थिक रिकवरी की पिछले साल की रणन
अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लि
भारत की रक्षा सेवाओं के लिए, ‘बजटीय चक्रव्यूह’ से बचना सं�
बेहतर जीवन शैली के लिए, शहर योजनाकार के लिए अतिरिक्त आबाद�
बजट को खांचों में बांटने का मोदी सरकार का नज़रिया शिखर पर
भारत अपनी ‘आर्थिक संरचना’ को इन नई हक़ीक़तों के हिसाब से �
आधुनिक भारत ने उस विचार को झुठला दिया है कि अत्यधिक सामाज�
भारत के एक पावरहाउस अर्थव्यवस्था बनने की राह ‘समता, दक्ष�
वर्ष 2022-23 के बज़ट में 80 लाख सस्ते आवास के निर्माण का लक्ष्य न�