Author : Trisha Ray

Expert Speak Digital Frontiers
Published on Apr 19, 2025 Updated 2 Days ago

अगर सतह से नीचे झांक कर देखें तो एआई के आसपास की जो संस्कृति है वो भी इसे विचित्र बनाती है

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का भविष्य संप्रभुता और स्वायत्त AI है; फ़ैसला हमारे हाथों में है!

Image Source: Getty

यह लेख रायसीना फ़ाइल्स 2025 की सीरीज़ का एक हिस्सा है.


आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का उन्नत रूप, जिसे एडवांस्ड एआई कह सकते हैं, मौलिक रूप से विचित्र है. इसे विचित्र क्यों कहा जा रहा है ये समझने के लिए हम ग्लेशियर या हिमशैल की कल्पना कर सकते हैं. जिस तरह से हिमशैल के ऊपरी हिस्से को देखकर या जायज़ा नहीं लगाया जा सकता कि वो कितना गहरा है, उसी तरह हम हर बार पूरी तरह से जान नहीं सकते कि आर्टिफिश़ियल इंटेलिजेंस (AI) का कोई मॉडल किस तरह से व्यवहार करेगा. वैसे तो हम एआई के ब्लैक बॉक्स में क्या इनपुट गया और क्या आउटपुट आया ये देख सकते हैं लेकिन इन मॉडलों ने क्या आंतरिक तर्क लगाया होगा ये अपारदर्शी ही रहता है. [1]

अगर सतह से नीचे झांक कर देखें तो एआई के आसपास की जो संस्कृति है वो भी इसे विचित्र बनाती है. जब भी AI के समर्थकों से ये पूछा जाता है कि क्या इस विकास को धीमा करने की ज़रूरत है तो अक्सर इसकी अनिवार्यता का हवाला दिया जाता है – ये ऐसी कहानी है जिसे आज के भू-राजनीतिक तर्कों का भरोसा हासिल है: तर्क दिया जाता है कि अगर ‘हम’ इस शक्तिशाली आर्टिफ़िशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) का विकास नहीं करेंगे तो ‘कोई और’ कर लेगा. [2]

हमें जिस तरह की एआई के बुनियादी ढांचे की ज़रूरत है जो बड़े पैमाने पर हर किसी के लिए मुहैया कराई जा सके, उसके लिए जिस तरह की पूंजी, बुनियादी संसाधनों और काम करने वाले लोगों की ज़रूरत होगी, वो सिर्फ़ अत्यधिक केंद्रीकृत संस्थाएं जैसे तकनीकी मामलो की अग्रज बड़ी कंपनियां या सरकारें ही जुटा सकती हैं.

अंत में, अगर हम आर्टिफिश़ियल इंटेलिजेंस के इस हिमशैल के निचले आधार पर जाएं तो यह पाएंगे कि मानवता को एआई से होने वाले फ़ायदे के बारे में जो व्यापक घोषणाएं की जाती हैं वो एक अहम बात को अनदेखा कर देती हैं - हमें जिस तरह की एआई के बुनियादी ढांचे की ज़रूरत है जो बड़े पैमाने पर हर किसी के लिए मुहैया कराई जा सके, उसके लिए जिस तरह की पूंजी, बुनियादी संसाधनों और काम करने वाले लोगों की ज़रूरत होगी, वो सिर्फ़ अत्यधिक केंद्रीकृत संस्थाएं जैसे तकनीकी मामलो की अग्रज बड़ी कंपनियां या सरकारें ही जुटा सकती हैं.

इस परिदृष्य में ‘स्वायत्त AI’ का जन्म होता है, एक ऐसा विचार जिसे "अपने खुद के बुनियादी ढांचे, डेटा, कार्यबल और व्यावसायिक नेटवर्क का इस्तेमाल करके एआई का उत्पादन करने की एक देश की क्षमताओं" के रूप में परिभाषित किया गया है. [3]आज जब ज़्यादा से ज़्यादा सरकारें स्वायत्त एआई को अपना रही हैं, यह निबंध स्वायत्त आई के मॉडलों की पड़ताल करती है जो सरकार और शासन के विभिन्न प्रकार, उद्योग की भूमिका और संस्थागत क्षमता के आधार पर उभर रही हैं.

स्वायत्त आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के भविष्य के मॉडल

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, ख़ासतौर से जनरल पर्पस AI या बहुउद्देशीय एआई के लिए डेटा जुटाने और कम्पयूटिंग (खास तौर पर ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट - जीपीयू) के लिए ऊर्जा की व्यवस्था और कार्यप्रवाह (वर्कफ्लो) प्रबंधन में बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता होती है.[4] आज के हालात में सिर्फ़ अत्यधिक केंद्रीकृत और संसाधनों से लैस संस्थाएं, जिनमें  प्रौद्योगिकी की बड़ी कंपनियाँ या बड़ी सरकारें आती हैं, ऐसे मॉडल  बनाने में सक्षम होंगी.

ऐसा नहीं है कि स्वायत्त एआई सिर्फ़ आज की ज़रूरत है और कल इसकी अहमियत नहीं रहेगी. ये बात मानी जाती है कि सरकारों को कुछ मुट्ठी भर ताक़तवर AI कंपनियों, चिप निर्माताओं, और क्लाउड सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियों की नेकदिली पर निर्भर रहना राष्ट्रहित में नहीं है.

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का व्यवहार कई बार विचित्र होता है. एआई के अपने पक्षपात, मतिभ्रम के अलावा इसमें सुरक्षा उपायों  और जवाबदेही की कमी और पूंजी का संकेंद्रण की वजहों से ही सरकारें स्वायत्त आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की ओर रुख कर रही हैं. [5]

किसी देश में स्वायत्त AI क्या दिशा लेती है इसे कुछ अहम कारक प्रभावित करेंगे जो इस प्रकार है - आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस उद्योग और सरकार के बीच का संबंध, इसके प्रति नियम-क़ानून की मज़बूती, और सरकारों की अपनी संस्थागत क्षमता. इन कारकों को देखते हुए यह लेख चार परिदृश्यों का प्रस्ताव रखता है: कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले टेक्नो-राज्य या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एआई टेक्नोस्टेट, मिश्रित प्रणालियाँ, नव-सामंती प्रणालियाँ, और नव-उपनिवेश प्रणाली.

एआई टेक्नोस्टेट

संसाधनों से संपन्न देश जिनके पास पूंजी की कमी नहीं है, इंडस्ट्री के साथ तालमेल हैं, और जो संस्थागत तौर पर नियम और क़ानून बनाने में सक्षम हैं वो देश AI टेक्नोस्टेट के रूप उभर सकते हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और चीन, दोनों के पास एआई के प्रकाशन में सबसे अग्रणी संस्थाएं मौजूद है. चीन की इन संस्थाओं में चीन विज्ञान अकादमी, शिंघुआ युनिवर्सिटी और झ़ेजियांग युनिवर्सिटी शामिल हैं, वहीं यूएस की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी इस लिस्ट में शामिल हैं. [6]

इसी तरह एआई के प्रमुख मॉडलों में यूएस को बढ़त हासिल है जबकि चीन के पास AI संबंधित पेंटेंटो की संख्या दुनिया में सबसे ज़्यादा है. अमेरिकी सरकार ने देश देश के AI नेतृत्व को मजबूत करने के लिए इसकी प्रमुख प्रौद्योगिकियों तक दूसरों की पहुँच को प्रतिबंधित किया है और अपनी सरकार तथा दूसरी एजेंसियों को एआई के उपयोग का बढ़ावा देते हुए उन्हें मज़बूत किया है.

प्रमुख प्रौद्योगिकियों तक दूसरों की पहुँच पर प्रतिबंध की कड़ी में चिप नियंत्रणों की एक लंबी श्रृंखला है, जिनमें से नवीनतम कदम है एआई चिप्स की बिक्री के लिए दुनिया को तीन समूहों में विभाजित करना जिन्हें सबसे कम प्रतिबंधित से लेकर सबसे अधिक प्रतिबंधित तक बांटा गया हैं. [7]

दूसरी कड़ी में बाइडेन प्रशासन का ‘भरोसेमंद AI पर कार्यकारी आदेश’ शामिल है जिसके द्वारा सरकार के एआई की सोच में आपसी सामंजस्य बनाने का एक प्रयास किया गया था. [8] इस आदेश को अब निरस्त कर दिया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब अपना दूसरा कार्यकाल संभाला तो उसके बाद जो पहला कदम उठाया वो सरकारी दक्षता विभाग (जिसे डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफ़िसिएंशी या DOGE कहा गया) का निर्माण है. इस अस्थायी और अर्ध-सरकारी एजेंसी की अहम ज़िम्मेदारी है अमेरिकी सरकार के सॉफ्टवेयर, नेटवर्क के ढांचों और आईटी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करना. [9]

वर्ष 2024 में यूएस की संघीय एजेंसियों ने एआई का जो  उपयोग किया उनमें 1,757 मामलों का दस्तावेजीकरण किया गया है. इनमें देश के कार्मिक प्रबंधन कार्यालय  द्वारा यूएसएजॉब्स की पोर्टल पर नौकरी की सिफारिशों को बेहतर बनाने के लिए AI का इस्तेमाल करने से लेकर, गृह सुरक्षा विभाग द्वारा यात्रियों की स्क्रीनिंग करने में सहायता के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखने वाली AI के उपकरणों  की खरीद तक कई अलग-अलग मामले शामिल हैं. [10]

अमेरिका में AI के ढांचे को बनाने में निवेश के लिए अमेरिकी सरकार और वहां की निजी कंपनियां - दोनों ही आगे आए हैं. उदाहरण के तौर पर निजी क्षेत्र द्वारा जनवरी में 500 बिलियन डॉलर की एआई स्टारगेट प्रोजेक्ट की घोषणा की गई. वहीं अमेरिकी सरकार ने डाटा केंद्र बनाने के लिए ज़मीन मुहैया कराने वाले कार्यकारी आदेश 14141 के ज़रिए निवेश किया है. ध्यान देने वाली बात है कि ये आदेश बाइडेन सरकार के कुछ उन कार्यकारी आदेशों में से एक है जिसे ट्रंप प्रशासन ने अब तक निरस्त नहीं किया है. [11]

AI के ढांचे को बनाने में विकासशील देशों में चीन सबसे आगे है. फरवरी 2025 की शुरुआत तक देखा जाए तो चैटबॉट एरीना की नेतृत्व श्रेणी में सबसे ऊपर के दस वृहद् भाषा मॉडल या लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) में सिर्फ़ तीन गैर अमेरिकी थे और यी तीनो चीनी मॉडल थे. उनमें से दो डीपसीक द्वारा बनाए गए, और तीसरे का निर्माण स्टेपफन ने किया. [12]

चीन को दो कारणों से फायदा हुआ है. एक, तकनीकी प्रौद्यौगिकी में दिग्गज अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी का चीन ने लाभ हासिल किया. दूसरा कारण रहा आर्थिक जासूसी की डर से अमेरिका ने चीनी नागरिकों पर कार्रवाई की, जिसके बाद वहां से उच्च-तकनीकी प्रतिभा वाले लोग चीन वापस लौट आए.[13] साथ ही चीन के स्वदेशी मॉडलों में बढ़ोतरी में अमेरिकी चिप निर्यात नियंत्रणों ने भी रोल अदा किया .

अमेरिका में AI के ढांचे को बनाने में निवेश के लिए अमेरिकी सरकार और वहां की निजी कंपनियां - दोनों ही आगे आए हैं. उदाहरण के तौर पर निजी क्षेत्र द्वारा जनवरी में 500 बिलियन डॉलर की एआई स्टारगेट प्रोजेक्ट की घोषणा की गई. वहीं अमेरिकी सरकार ने डाटा केंद्र बनाने के लिए ज़मीन मुहैया कराने वाले कार्यकारी आदेश 14141 के ज़रिए निवेश किया है.

अंत में, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय और शहरी सरकार दोनों ही स्तरों पर अनुसंधान पर धन खर्च किया है और एआई के  विकास को तेजी देने के लिए सब्सिडी  प्रदान की है. चीन ने उन फ़र्मों के विकास में मदद प्रदान की जिनमें आमतौर पर निजी क्षेत्र निवेश नहीं करता है. [14] इस तरह चीन एक ऐसे बड़े देश का उदाहरण बनता है जिसने स्वायत्त AI AI को विकसित करने के लिए कठोर नियमन और अपने विशाल संस्थानों दोनों का इस्तेमाल किया है

चित्र 1 – AI के ग्लोबल लीडर्स

The Future Of Ai Is Sovereign How It Evolves Is Up To Us

सोर्स : स्टैनफ़ोर्ड ग्लोबल AI वाईब्रेंसी टूल. [15]* अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ जैसी कि मूल स्रोत में दिखाया गया है.

स्वायत्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दो अलग-अलग मॉडल

यूएस और चीन, दोनों के पास आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के टेक्नोस्टेट के रूप में विकसित होने की पर्याप्त संभावनाएँ हैं. हालांकि इन दोनों देशों के दृष्टिकोण में मूलभूत फर्क नज़र आता है. यूएस में सरकार की विशालकाय संस्थागत शक्ति का इस्तेमाल मुख्य तौर पर  सरकारी प्रक्रियाओं को ज़्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए किया जा रहा है वहीं इसके विपरीत चीन की सरकार खुद ही एआई के विकास का नेतृत्व कर रही है. चीन में सरकार इतने बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है जो निजी क्षेत्र नहीं कर सकता.

AI के लिए दिशानिर्देश और इसके क़ानून और विनियम दुनिया में सबसे पहले और सबसे व्यापक तौर पर चीन ने ही जारी किया. दोनों देशों की सरकारें आकार में बड़ी है. एक ओर जहाँ यूएस की संघीय सरकार में लगभग 20 लाख नागरिक काम करते हैं वहीं चीन 80 लाख कर्मचारियों को रोजगार देती है. [16]वैसे तो वर्ल्ड बैंक के संकेतकों के मुताबिक यूएस की सरकारी कार्यक्षमता तथा दक्षता और उसकी विनियामक गुणवत्ता ऊँची है लेकिन इसके बावजूद भी वहां एआई पर व्यापक और पूर्ण नियंत्रण नज़र नहीं आता है. [17]यहां इस पर भी विचार किया जाना चाहिए कि स्वायत्त AI का ये मॉडल बिल्कुल विपरीत रूप भी ले सकता है. एक तरफ़ तो एआई का उपयोग नागरिकों की पसंद को सशक्त बना सकता है वहीं दूसरी ओर यह स्वतंत्रताओं को सीमित भी कर सकता है और एक निगरानी रखने वाली पुलिस स्टेट भी बना सकता है. एक अर्थशास्त्री कहते हैं कि ये प्रणाली एक ‘उच्च तकनीकी वाली खुली समाज के साथ AI सशक्त ई-सरकार’ बना सकती है. [18]

मिश्रित या हाइब्रिड प्रणाली

हाइब्रिड प्रणालियाँ एआई का बुनियादी ढांचा और उसके उपयोगों के साथ-साथ विकास पर आधारित रहेगी. एक स्तर पर हमें यह देखने को मिलेगा कि सरकारें देशी और विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर AI की आधारभूत संरचना और एआई के मॉडल विकसित करेंगी.

हाइब्रिड प्रणालियों की एक खासियत यह भी होगी कि कुछ अहम क्षेत्रों में एआई का विकास और उसका उपयोग सरकार के द्वारा होगा. वहीं इस प्रणाली में निजी भागीदारी का एक रूप में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (या डीपीआई) मॉडल का भी विकास हो सकता है. इस प्रणाली में ओपन-सोर्स डाटासेट और मॉडल के अलावा  व्यापक रूप से उपलब्ध कंप्यूटिंग संसाधन, और  AI प्लेटफ़ॉर्म ऐज़ ए सर्विस’  (AIPaaS) जैसी सेवाएँ शामिल होंगी.[19]

स्वायत्त एआई का विकास करने वाले कई देश इसी श्रेणी में आएंगे. इसका एक उदाहरण भारत सरकार का दृष्टिकोण है. इस दिशा में भारत ने देश में विकसित किए गए ओपन-सोर्स मॉडलों जैसे भाषिणी, सरकारी डेटा सेट्स की सार्वजनिक उपलब्धता, और कंप्यूट करने की संसाधनों की सुलभता जैसे उपायों पर ध्यान दिया है. इसके अलावा सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के साथ साझेदारियाँ भी स्थापित की हैं. [20]सरकारी प्रयासों के अलावा कंपनियों और व्यापारों के बीच आपसी साझेदारियाँ भी विकसित हो रही हैं, जैसे NVIDIA ने भारत की कई बड़ी कंपनियों के साथ करार किए हैं. [21]

अगर यूरोपीय संघ के डिजिटल मार्केट्स एक्ट और यूरोपीय संघ एआई एक्ट का मिला-जुला पैकेज सफल होता है, तो संभव है इसके कई सदस्य देश हाइब्रिड प्रणाली और AI टेक्नोस्टेट मॉडल की ओर झुक सकते हैं. वैसे तो अगर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को व्यक्तिगत रूप से देखें तो उनके पास अमेरिका या चीन के जैसे एआई की दिग्गज घरेलू कंपनियाँ मौजूद नहीं हैं. लेकिन जब यूरोपीय संघ एक दल की तरह खड़ा होता है तो उसे सामूहिक विनियामक शक्ति और संस्थागत क्षमता का बल मिलता है जिससे वो बाजारों पर प्रभाव डाल सकता है और बड़ी निवेश जुटा सकता है.

जब कमज़ोर सरकार और कमज़ोर प्रशासन व्यवस्था और बड़े एआई कंपनियों के क्लोज़्ड या बंद मॉडलों का गहरा प्रभाव आपस में मिलते हैं तो इससे एआई नव-सामंतवाद का एक रूप सामने आ सकता है. 

इसी तरह सिंगापुर भी हाइब्रिड मॉडल का अनुसरण कर रहा है, जिसमें सिंगापुर के अनुसंधान संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच गहरा सहयोग देखा जा सकता है और इसके साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ भी साझेदारियाँ शामिल हैं. सिंगापुर की राष्ट्रीय AI स्ट्रेटेजी 2.0 का लक्ष्य इस तरह बताया गया है - ‘सिंगापुर की आकांक्षा है कि वो एआई के उन चुनिंदा क्षेत्रों में पूरी दुनिया में आगे रहे जो आर्थिक रूप से प्रभावशाली हों और सार्वजनिक हित की सेवा करें. [22]

सिंगापुर सरकार ने साझा संसाधनों और सेवाओं की भी पहल की है जिसका एक उदाहरण एआई वेरिफ़ाई (AI Verify) है जिसकी मदद से कंपनियाँ अपने AI प्रणालियों की जांच कर सकती हैं.

नव-सामंती प्रणालिया

नव-सामंतवाद, सामंतवाद का एक ऐसा नया रूप है, जहाँ “सार्वजनिक कानून, सार्वजनिक संपत्ति, न्यायिक प्रक्रिया और नागरिक अधिकारों जैसे पूरे क्षेत्र निजी कंपनियों के उत्तरदायित्व-विहीन नियंत्रण में चले जाते हैं.”[23] जब कमज़ोर सरकार और कमज़ोर प्रशासन व्यवस्था और बड़े एआई कंपनियों के क्लोज़्ड या बंद मॉडलों का गहरा प्रभाव आपस में मिलते हैं तो इससे एआई नव-सामंतवाद का एक रूप सामने आ सकता है.

विज्ञान की कल्पनिक कहानियों या सांइस,फ़िक्शन की दुनिया में ऐसी प्रणालियाँ आम हैं, साल 1982 की क्लासिक फ़िल्म ब्लेड रनर में दिखाया गया है कि कोई सरकार मौजूद नहीं है, और पूरा शहर — या शायद पूरी दुनिया — टाइरेल कॉर्पोरेशन द्वारा प्रशासित होती है. आज के दौर में में ओपनAI (OpenAI), गूगल डीपमाइंड औऱ एंथ्रॉपिक जैसी कंपनियों के पास आर्टिफ़िशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) का अनुसंधान और उनके जो मुख्य मॉडल हैं वे अधिकतर बंद स्रोत (क्लोज् सोर्स) मॉडल पर ही काम कर रही हैं. ओपनAI  के सैम ऑल्टमैन का यह दावा हैं कि बंद-स्रोत मॉडल ही ज्यादा सुरक्षित हैं, खासकर एजीआई जैसी शक्तिशाली और खतरनाक तकनीक के मामले में. [24]

लेकिन अमेरिका की साइबर और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी (CISA) का तर्क है कि ओपन-सोर्स एआई के लाभ, उसके जोखिमों से कहीं ज़्यादा हैं. [25]बंद और ओपन-सोर्स मॉडल के बीच की बहस अब तक सुलझी नहीं है, लेकिन वर्तमान में स्वामित्व वाले मॉडल को ही मानक समझा जा रहा है.

जैसे-जैसे एजीआई की दौड़ तेज़ होती जाएगी, एआई पर ओलिगोपॉली या अल्पाधिकार सामान्य हो जाएगा क्योंकि जिस स्तर की पूंजी, डेटा और कम्प्यूटिंग संसाधन AI में अहम सफलता हासिल करने के लिए ज़रूरी हैं, वे छोटी कंपनियों को बड़ी कंपनियों में विलय करने पर मजबूर कर देंगे और इस पर प्रतिस्पर्धा विरोधी  नियम भी काम नहीं आ पाएंगे.

स्वायत्त AI इस दशक के सबसे अहम रुझानों में एक है, और इस लेख में चार परिदृश्यों को सामने रखने का उद्देश्य यही है कि पर्यवेक्षक इन प्रणालियों का मूल्यांकन केवल साधनों या ढाँचों की  नज़र से ना करें, बल्कि ठोस परिणामों को उसका आधार बनाएं.

एआई पर आधारित नव-सामंती प्रणाली में सरकारें अपनी सेवाएँ और कार्य निजी कंपनियों को सौंप दे सकती हैं. हमें ये भी नज़र आ सकता है कि एआई सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के इर्द-गिर्द वर्चुअल “कंपनी टाउन” विकसित हो जाएं, जो पूरी तरह से उन कंपनियों पर आधारित समुदाय की तरह बन जाएं. इन सबके बावजूद ये प्रणाली अब भी स्वायत्त AI ही कहलाएगी लेकिन यहां पारंपरिक स्वायत्तता कॉर्पोरेट की स्वायत्त शक्तियों में विलीन हो चुकी होगी.

नव-उपनिवेश

ऐसी सरकारें जिनके पास खुद की संस्थागत क्षमता कम है और जहाँ नियम-कानून या तो हैं ही नहीं या फिर कमजोर हैं, और जिनके देशों में घरेलू या विदेशी उद्योगिक निवेश ना के बराबर हैं, वे दूसरे देशों में विकसित एआई मॉडलों की उपभोक्ता बन जाएँगी.

ऐसी "नव-उपनिवेशीय" व्यवस्थाएँ पहले की तीन दूसरी प्रणालियों (टेक्नोस्टेट, हाइब्रिड और नव-सामंतवाद) में से किसी एक के प्रभाव क्षेत्र में आ जाएँगी. ऐसे देश या तो उपभोक्ता और खरीदार के रूप में रहेंगे या फिर डेटा और अन्य एआई के संसाधनों की आपूर्तिकर्ता के रूप में जाने जाएंगे.

जिस तरह आज AI पर निवेश, अनुसंधान और विकास खास भौगोलिक क्षेत्रों में सिमटा हुआ है और कुछ क्षेत्रों में सरकारें एआई के प्रति-तैयार नहीं दिख रहे हैं, ऐसे में कई देशों पर नव-उपनिवेशीय मॉडल में फँस जाने के जोखिम सामने है.][26]

चित्र 2: प्रमुख मशीन लर्निंग मॉडलों का भौगोलिक जमावड़ा

The Future Of Ai Is Sovereign How It Evolves Is Up To Us

 

2003–2023 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में विकसित उल्लेखनीय मशीन लर्निंग मॉडलों की संख्या (कुल योग)

स्रोत: Stanford AI Index Report [27]

अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ मूल रिपोर्ट के अनुसार दर्शाई गई हैं

ऐसे क्षेत्रों में स्वायत्त एआई  को समर्थन देने वाले कुछ शुरुआती प्रयास मौजूद हैं. उदाहरण के लिए, अफ्रीकी संघ की महाद्वीपीय AI रणनीति के स्तंभों में, कॉपरेटिव प्रयासों से क्षमता निर्माण, संसाधनों को आपस में जुटाना और विनियमन का एक ब्लॉक बनाना शामिल किया गया है. [28]आज ज़रूरत है ऐसे प्रयासों को बनाए रखा जाए और इसे आगे बढ़ाया भी जाए ताकि नई तकनीकी दुनिया में उपनिवेशवाद की पुरानी ढांचाओं को वापस लौटने से रोका जा सके.

सार: एक नीतिगत प्रेरक शक्ति के रूप में भविष्य

इस लेख में प्रस्तुत परिदृश्य सिर्फ़ एक अधूरी तस्वीर सामने ला सकते हैं क्योंकि वास्तविक दुनिया में हलचल पैदा करने वाले कई ऐसे कारक हो सकते हैं जो स्वायत्त एआई की दिशा को प्रभावित करे दें. इनमें एक बड़ा कारण ऊर्जा की सीमाएँ हो सकती हैं, चाहे किफ़ायती न्यूक्लियर फ्यूज़न जैसी कोई बड़ी तकनीकी सफलता मिल जाए, या फिर ऊर्जा के ढांचों पर प्रतिस्पर्धी मांगें सामाजिक अशांति को बढ़ावा दे दें. भरोसा  भी एक महत्वपूर्ण तत्व है: क्या सरकारों पर समाज का भरोसा बना रहेगा और समाज उन्हें अपने हितों के संरक्षक के रूप में देखता रहेगा, ये भी एक सवाल है.

संस्थाओं द्वारा कई तर्क दिए गए हैं जो स्वायत्तता और नियंत्रण के बड़े दायरे में फैला हुआ है, लेकिन इन तर्कों में अक्सर स्वायत्त एआई परियोजनाओं की वैधता पर ज़रूरत से अधिक ध्यान दिया गया है. लेकिन स्वायत्त AI इस दशक के सबसे अहम रुझानों में एक है, और इस लेख में चार परिदृश्यों को सामने रखने का उद्देश्य यही है कि पर्यवेक्षक इन प्रणालियों का मूल्यांकन केवल साधनों या ढाँचों की  नज़र से ना करें, बल्कि ठोस परिणामों को उसका आधार बनाएं.


Endnotes

[1]  Matthew Kosinski, “What is Black Box AI?,” IBM, October 29, 2024, https://www.ibm.com/think/topics/black-box-ai

[2] Sigal Samuel, “Silicon Valley’s Vision for AI? It’s Religion, Repackaged,” Vox, September 7, 2023, https://www.vox.com/the-highlight/23779413/silicon-valleys-ai-religion-transhumanismlongtermism- ea

[3] Angie Lee, “What is Sovereign AI,” Nvidia Blog, February 28, 2024, https://blogs.nvidia.com/blog/what-is-sovereign-ai/

[4] General Purpose AI and the AI Act, Future of Life Institute, May 2022, https://artificialintelligenceact.eu/wp-content/uploads/2022/05/General-Purpose-AI-and-the-AI-Act. pdf

[5] Stanford Institute for Economic Policy Research, “Is Antitrust Policy Good for Innovation: A Conversation with Lina Khan, Chair, Federal Trade Commission,” YouTube, November 2, 2023, https://www.youtube.com/watch?v=i3hgKaInBzE

[6] Chapter 1: Research and Development,” Artificial Intelligence Index Report 2023, Stanford University, https://aiindex.stanford.edu/wp-content/uploads/2023/04/HAI_AI-Index-Report-2023_CHAPTER_1-1. pdf

[7] Biden-Harris Administration Announces Regulatory Framework for the Responsible Diffusion of Advanced Artificial Intelligence Technology,” Bureau of Industry and Security, January 13, 2025, https://www.bis.gov/press-release/biden-harris-administration-announces-regulatory-frameworkresponsible- diffusion

[8] Executive Order on the Safe, Secure, and Trustworthy Development and Use of Artificial Intelligence,” White House, October 30, 2023, https://bidenwhitehouse.archives.gov/briefing-room/presidential-actions/2023/10/30/executiveorder- on-the-safe-secure-and-trustworthy-development-and-use-of-artificial-intelligence/

[9] Establishing and Implementing the President’s ‘Department Of Government Efficiency’,” The White House, January 20, 2025, https://www.whitehouse.gov/presidential-actions/2025/01/establishing-and-implementing-thepresidents- department-of-government-efficiency/

[10] 2024 Federal Agency AI Use Case Inventory,” GitHub, Updates January 23, 2025, https://github.com/ombegov/2024-Federal-AI-Use-Case-Inventory

[11] Announcing the Stargate Project,” OpenAI, January 21, 2025, https://openai.com/index/announcingthe- stargate-project/; Executive Office of the President, “Advancing United States Leadership in Artificial Intelligence Infrastructure,” Federal Register, January 14, 2025, https://www.federalregister.gov/documents/2025/01/17/2025-01395/advancing-united-statesleadership- in-artificial-intelligence-infrastructure

[12]  Wei-Lin Chiang and Anastasios Angelopoulos, “Chatbot Arena,” LMArena, https://lmarena.ai/

[13] The Global AI Talent Tracker 2.0,” Macro Polo, https://macropolo.org/interactive/digital-projects/the-global-ai-talent-tracker/

[14] Ngor Luong, Zachary Arnold, and Ben Murphy, “Understanding Chinese Government Guidance Funds: An Analysis of Chinese-Language Source,” Center for Security and Emerging Technology, March 2021, https://cset.georgetown.edu/publication/understanding-chinese-government-guidance-funds/; Reuters, “Beijing City to Subsidise Domestic AI Chips, Targets Self-Reliance by 2027,” April 25, 2024, https://www.reuters.com/technology/beijing-city-subsidise-domestic-ai-chips-targets-self-relianceby- 2027-2024-04-26/; Hodan Omar, “How Innovative is China in AI,” ITIF, August 26, 2024, https://itif.org/publications/2024/08/26/how-innovative-is-china-in-ai/

[15] Which Countries are Leading in AI?,” Stanford University Human Center Artificial Intelligence, https://aiindex.stanford.edu/vibrancy/

[16] Ben Leubsdorf and Carol Wilson, “Current Federal Civilian Employment by State and Congressional District,” Congressional Research Service, December 20, 2024, https://crsreports.congress.gov/product/pdf/R/R47716; Laurie Chen, “Chinese Youth Flock to Civil Service, but Slow Economy Puts ‘Iron Rice Bowl’ Jobs at Risk,” Reuters, December 29, 2024, https://www.reuters.com/world/china/chinese-youth-flock-civil-service-slow-economy-puts-ironrice- bowl-jobs-risk-2024-12-30/

[17] “Worldwide Governance Indicators,” World Bank, https://www.worldbank.org/en/publication/worldwide-governance-indicators/interactive-dataaccess

[18] Samuel Hammond, “AI and Leviathan: Part III,” Second Best, September 11, 2023, https://www.secondbest.ca/p/ai-and-leviathan-part-iii

[19] “Core Considerations for Exploring AI Systems as Digital Public Goods,” Digital Public Goods Alliance, https://www.digitalpublicgoods.net/AI-CoP-Discussion-Paper.pdf

[20] Ajinkya Kawale, “AI Compute Capabilities to be Available by June 2025: MeitY Additional Secy,” Business Standard, October 25, 2024, https://www.business-standard.com/companies/news/ai-compute-capabilities-to-be-available-byjune- 2025-meity-additional-secy-124102400982_1.html; Ministry of Electronics & IT, https://pib.gov.in/ PressReleasePage.aspx?PRID=2091170

[21]  Lee, “What is Sovereign AI”

[22] “National AI Strategy 2.0: AI for the Public Good, For Singapore and the World,” Government of the Republic of Singapore, December 4, 2023, https://file.go.gov.sg/nais2023.pdf

[23] Katherine V.W. Stone and Robert Kuttner, “The Rise of Neo-Feudalism,” The American Prospect, April 8, 2020, https://prospect.org/economy/rise-of-neo-feudalism/

[24]Sarah Jackson, “Sam Altman Explains OpenAI’s Shift to Closed AI Models,” Business Insider, November 2, 2024, https://www.businessinsider.com/sam-altman-why-openai-closed-source-ai-models-2024-11

[25] Jack Cable and Aeva Black, “With Open Source Artificial Intelligence, Don’t Forget the Lessons of Open Source Software,” July 29, 2024, https://www.cisa.gov/news-events/news/open-source-artificial-intelligence-dont-forget-lessonsopen- source-software

[26] Government AI Readiness Index 2024, Oxford Insights, https://oxfordinsights.com/ai-readiness/ai-readiness-index/

[27] Nestor Maslej et al., The AI Index 2024 Annual Report, AI Index Steering Committee, Institute for Human- Centered AI, Stanford University, Stanford, CA, April 2024, p. 48, https://aiindex.stanford.edu/wp-content/uploads/2024/05/HAI_AI-Index-Report-2024.pdf; Yu Xie et al., “Caught in the Crossfire: Fears of Chinese-American Scientists,” PNAS 120, no. 27 (June 27, 2023): e2216248120, https://doi.org/10.1073/pnas.2216248120

[28] Continental Artificial Intelligence Strategy,” African Union, August 9, 2024, https://au.int/en/documents/20240809/continental-artificial-intelligence-strategy

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