Published on Dec 16, 2019 Updated 0 Hours ago

हांगकांग और सिंगापुर में कई चीजें कॉमन हैं. ऐसे में अगर हांगकांग की कीमत पर सिंगापुर को आर्थिक लाभ होता है तो वह विडंबना ही होगी.

हांगकांग में उथलपुथल से सिंगापुर को फायदा हुआ तो बड़ी अजीब बात होगी

मरीना बे, सिंगापुर में सिंगापुर शहर का क्षितिज. Getty Images

हांगकांग के नौजवान प्रदर्शनकारियों के नेता जोशुआ वोंग ची-फंग हांगकांग डिस्ट्रिक्ट काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि प्रशासन ने उनके नॉमिनेशन को ख़ारिज कर दिया है. इससे प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच दरार और बढ़ सकती है. पिछले कई महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हांगकांग को हिला रखा है और इसकी हालिया कड़ी को देखकर यही लगता है कि ये जल्द ख़त्म नहीं होने जा रहे.

जून में शुरू हुआ प्रदर्शन

हांगकांग प्रशासन के ‘संदिग्ध अपराधियों’ को चीन भेजे जाने के प्रस्ताव के खिलाफ़ यह प्रदर्शन इस साल जून में शुरू हुआ था. आलोचकों का कहना है कि यह प्रस्ताव इसलिए लाया गया ताकि हांगकांग के नागरिकों को चीन की पक्षपातपूर्ण न्यायिक व्यवस्था के सामने फेंका जाए, जहां आरोपियों के खिलाफ़ हिंसा भी होती है. हालांकि, हांगकांग में हफ्तों के प्रदर्शन के बाद इस प्रस्ताव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया. प्रदर्शनकारियों को डर है कि इस विधेयक को भविष्य में फिर से लागू करने की कोशिश की जा सकती है, इसलिए उनका विरोध जारी है. 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग का नियंत्रण चीन को सौंप दिया था. चीन की तुलना में हांगकांग में अधिक स्वायत्तता है और वहां के नागरिकों के पास ज्यादा अधिकार हैं. हांगकांग में नौजवानों ने ‘प्रदर्शन के अधिकार और राजनीतिक बहस’ की मांग को लेकर विरोध शुरू किया था, जो अब ‘पांच मांगें, इससे एक कम पर भी राजी नहीं होंगे’ के एजेंडा में बदल गया है. प्रदर्शनकारियों की मांगें इस तरह से हैं.

– किसी भी प्रदर्शन को ‘दंगा’ घोषित न किया जाए

– जिन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें माफी दी जाए

-पुलिस के कथित अत्याचार की स्वतंत्र जांच हो

– सभी को मतदान का अधिकार मिले

– विवादास्पद प्रत्यर्पण विधेयक को पूरी तरह से वापस लिया जाए

इनमें से आखिरी मांग को छोड़कर एक भी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है. चीन की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को ‘पश्चिम समर्थक अलगाववादी’ घोषित कर रखा है और उन्हें गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. इस बीच, प्रदर्शनकारियों के प्रमुख नेता को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित करने से इस विरोध के और लंबा खींचने के आसार बन गए हैं.

सिंगापुर को आर्थिक फायदा मिलेगा?

आप चाहे जिस तरह से देखें, इस मामले से हांगकांग को आर्थिक रूप से नुकसान होना तय है. वहां जो कुछ भी चल रहा है, उससे पूर्वी एशिया का शिपिंग, वित्तीय और व्यावसायिक केंद्र और चाइनीज मूल के लोगों की बहुलता वाले सिंगापुर को फायदा हो सकता है. हांगकांग और सिंगापुर में कई चीजें कॉमन हैं. वे बिज़नेस -फ्रेंडली हैं. कारोबारी लिहाज से वहां के नियम-कायदे आसान हैं. दोनों ही जगहों की ब्यूरोक्रेसी ईमानदार और सक्षम है. इन सबका उनकी आर्थिक समृद्धि में योगदान रहा है. वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डुइंग बिज़नेस रैंकिंग में सिंगापुर दूसरे और हांगकांग चौथे नंबर पर है. इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) के मुताबिक, अगले साल सिंगापुर की जीडीपी ग्रोथ घटकर 0.9 प्रतिशत रह सकती है, जो 2018 में 3.1 प्रतिशत थी. हालांकि, कम आबादी और इसमें 0.9 प्रतिशत की ग्रोथ की वजह से जीडीपी की रफ्तार सुस्त पड़ने से सिंगापुर बहुत प्रभावित नहीं होगा. घरेलू डिमांड, महंगाई दर और निर्यात क्षेत्र के प्रदर्शन को देखने पर लगता है कि सिंगापुर के लिए हाल-फिलहाल कोई जोखिम नहीं है. असल में हांगकांग में पिछले चार महीने से चल रहे हिंसक प्रदर्शन का सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को फायदा मिलना शुरू हो गया है और आंकड़े इसकी गवाही भी दे रहे हैं.

टेबल: सिंगापुर का मूल आर्थिक डेटा

वार्षिक डेटा 2018 ऐतिहासिक औसत (%) 2014-18
जनसंख्या (mn) 5.6 जनसंख्या वृद्धि 0.9
GDP (यूएस $ bn; बाजार विनिमय दर) 364.1 वास्तविक जीडीपी विकास दर 3.3
GDP (यूएस $ bn; क्रय शक्ति समता) 571.5 वास्तविक घरेलू मांग में वृद्धि 3.1
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (अमेरिकी डॉलर; बाजार विनिमय दर) 64,580 मुद्रास्फीति 0.2
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (अमरीकी डॉलर; क्रय शक्ति समता) 1,01,347 चालू-खाता शेष (GDP का%) 17.4
विनिमय दर (औसत) एस $: यूएस $ 1.35 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (GDP का%) 23.6

* सभी डेटा वास्तविक में हैं।

स्रोत: द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU)

पिछले साल अगस्त में हांगकांग आने वाले टूरिस्टों की संख्या 39 प्रतिशत कम हो गई थी, जबकि चीन में इसमें सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की गिरावट आई. उधर, अगस्त महीने में चीन से सिंगापुर जाने वाले पर्यटकों की संख्या में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. सिंगापुर में जितने पर्यटक आते हैं, उनमें चीन का योगदान 21 प्रतिशत के करीब है, लेकिन हांगकांग के लिए यह 80 प्रतिशत है. इसका मतलब यह है कि जो पर्यटक सामान्य हालात में हांगकांग जाते, वे अब सिंगापुर की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं. ऐसा भी लग रहा है कि हांगकांग से जो पैसा निकाला जा रहा है, उसका एक हिस्सा सिंगापुर को मिल रहा है. अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, अगस्त में 4 अरब डॉलर का डिपॉजिट हांगकांग से सिंगापुर चला गया. हांगकांग के रईस अब सिंगापुर में प्रॉपर्टी ख़रीदने में दिलचस्पी ले रहे हैं. 2017 के बाद से इन लोगों ने सिंगापुर में 1,000 घर खरीदे हैं, वह भी तब जबकि वहां विदेशियों को 20 प्रतिशत की स्टैंप ड्यूटी चुकानी पड़ती है. एसेट मैनेजमेंट के मामले में 2018 के आखिर में 3.4 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति के साथ सिंगापुर 3.1 लाख करोड़ डॉलर वाले हांगकांग से आगे चल रहा था. इसका मतलब यह है कि हांगकांग में प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही इंस्टीट्यूशनल फाइनेंसिंग एक्टिविटी सिंगापुर में शिफ्ट हो रही थी. हांगकांग के मौजूदा संकट के कारण इसमें तेजी आ सकती है.

सिंगापुर में नियंत्रित लोकतंत्र, जबकि हांगकांग में उदार तानाशाही है. सिंगापुर में चुनी हुई सरकार है, लेकिन वहां जनता के प्रदर्शन करने और कुछ मामलों में राजनीतिक बहस को लेकर कड़े कानून हैं. दूसरी तरफ, हांगकांग का प्रशासन एक चीफ़ एग्जिक्यूटिव के हाथों में है, जिन्हें सैकड़ों अधिकारियों ने चुना है. वहां आंशिक तौर पर चुनी हुई विधायिका है, जो कमजोर है. हालांकि, हांगकांग में अभिव्यक्ति की आज़ादी की मजबूत परंपरा रही है. एक तरह से दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे के यहां की लोकतांत्रिक आज़ादी चाहते हैं. यही वजह है कि सिंगापुर के 75 प्रतिशत नागरिक हांगकांग के प्रदर्शनकारियों से सहानुभूति रखते हैं. हांगकांग में सिंगापुर के एक नागरिक के प्रदर्शन करने की पिक्चर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. उस शख्स के हाथ में एक प्लेकार्ड था, जिस पर लिखा था- ‘हांगकांग को सिंगापुर मत बनने दीजिए, जहां लोग डर के साये में जीते हैं.’ यह बात बढ़ा-चढ़ाकर कही गई लग सकती है, लेकिन यह सिंगापुर में कई लोगों के दिल तक पहुंची थी. हांगकांग के प्रदर्शनकारियों की इस बात को सिंगापुर के लोग सुन और समझ रहे हैं कि इस विरोध की बुनियाद में आर्थिक मुद्दे हैं, मिसाल के लिए हांगकांग में घर खरीदना बड़ी आबादी के बस की बात नहीं है. हांगकांग में सिर्फ़ राजनीतिक मुद्दों को लेकर विरोध नहीं हो रहा है.

ऐसे में सरकार समर्थक टिप्पणीकारों की तरफ से सिंगापुर और हांगकांग को एक तराजू पर रखने की आलोचना से हैरानी नहीं होती. हांगकांग के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सिंगापुर में रैली निकालने पर भी रोक है. वहीं, पिछले महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने सिंगापुर के निवासियों से हांगकांग की बेवजह की यात्रा को टालने की अपील की थी. हांगकांग और सिंगापुर में कई चीजें कॉमन हैं. ऐसे में अगर हांगकांग की कीमत पर सिंगापुर को आर्थिक लाभ होता है तो वह विडंबना ही होगी.

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